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देवभूमि में 14 से 22 जनवरी तक मनेगा सांस्कृतिक उत्सव, सरकार ने जारी किए आदेश

उत्तराखंड में उत्तरायणी पर्व से अयोध्या में भगवान राम के बाल रूप विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा तक होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम

देहरादून।अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर में रामलला की 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर देवभूमि उत्तराखंड में भी वातावरण राममय होने लगा है। विश्व हिंदू परिषद समेत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 32 आनुषांगिक संगठन इन दिनों उत्तराखंड में राम काज में तल्लीन हैं। इसके साथ ही राज्य की धामी सरकार ने भी प्रदेश में उतरायनीप पर्व पर 14 जनवरी से 22 जनवरी तक  सांस्कृतिक उत्सव मनाने का निर्णय लिया है।

उत्सवधर्मी उत्तराखंड विभिन्न पर्वों व त्योहारों के अवसर पर मेलों, उत्सवों के आयोजन की परंपरा रही है। ये राज्य की वैभवशाली परंपरा का प्रतीक हैं। इन्हें संजोए रखना सभी का कर्तव्य है। इसी के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने राज्य के समृद्ध लोक सांस्कृतिक विरासत की प्रतीक उत्तरायनी पर्व पर 14 जनवरी से 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तिथि तक प्रदेशभर में सांस्कृतिक उत्सव मनाने का निर्णय लिया गया है।

संस्कृति सचिव हरि चंद्र सेमवाल की ओर से जारी आदेश में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सांस्कृतिक उत्सव के आयोजन में सामाजिक संगठनों, सांस्कृतिक संगठनों व जनसहभागिता सुनिश्चित कराई जाए। ब्लाक स्तर पर समितियों का गठन करते हुए जनभागीदारी से कलश यात्रा, झांकी आयोजित की जाएं। इसमें महिला व युवक मंगल दलों और स्वय सहायता समूहों का सहयोग लिया जाए।

प्रदेश के सभी मठ, मंदिर और देवालयों, स्नान घाटों में इस अवधि में विशेष स्वच्छता अभियान भी चलाया जाएगा। साथ ही वहां दीपोत्सव, आरती के आयोजन और मंदिरों व धार्मिक स्थलों में रामचरित मानस पाठ, भजन कीर्तन कार्यक्रम आयोजित कराने को भी कहा गया है।

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