
देहरादून। उत्तराखंड के अल्मोड़ा की बेटी कविता चंद ने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विंसन (4,892 मीटर) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर भारत का नाम रोशन किया है। कविता ने 14 दिसंबर को शिखर पर पहुंचकर यह उपलब्धि हासिल की। वर्तमान में मुंबई में निवास कर रहीं कविता की इस ऐतिहासिक सफलता की गूंज उनके गृह राज्य उत्तराखंड तक सुनाई दे रही है, जहां पहाड़ों से निकलकर दुनिया की सबसे दुर्गम चोटियों तक पहुंचने की उनकी यात्रा को गर्व के साथ सराहा जा रहा है।
माउंट विंसन पर चढ़ाई कविता के प्रतिष्ठित ‘सेवन समिट्स’ लक्ष्य की दिशा में एक अहम कदम है, जिसके तहत दुनिया के सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतह किया जाता है। इससे पहले वह यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रस पर भी सफलतापूर्वक चढ़ाई कर चुकी हैं, जिससे वह इस चुनौती को पूरा करने की मजबूत स्थिति में पहुंच गई हैं।
दुनिया की सबसे कठोर और चुनौतीपूर्ण चोटियों में गिने जाने वाले माउंट विंसन पर अत्यधिक ठंड, पूर्ण एकांत और अंटार्कटिका के अप्रत्याशित मौसम जैसी कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। कविता का यह अभियान 3 दिसंबर को भारत से रवाना होने के साथ शुरू हुआ। वह 4 दिसंबर की शाम चिली के पुंटा एरेनास पहुंचीं और 7 दिसंबर की दोपहर यूनियन ग्लेशियर के लिए उड़ान भरी। उसी दिन बाद में वह लगभग 2,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित विंसन बेस कैंप पहुंचीं। यूनियन ग्लेशियर से बेस कैंप तक का अंतिम सफर स्की-सुसज्जित छोटे विमान से लगभग 40 मिनट में पूरा किया गया, जो अंटार्कटिका अभियानों से जुड़ी जटिल लॉजिस्टिक्स को दर्शाता है।
इस अभियान का नेतृत्व प्रसिद्ध हाई-एल्टीट्यूड गाइड मिंग्मा डेविड शेरपा ने किया। भारतीय दल को अनुभवी पर्वतारोही भरत थम्मिनेनी और उनकी एक्सपेडिशन कंपनी ‘बूट्स एंड क्रैम्पन’ का सहयोग प्राप्त रहा। उनके मार्गदर्शन में नौ सदस्यीय भारतीय टीम ने शिखर तक सफलतापूर्वक पहुंच बनाई, जहां सावधानीपूर्वक योजना, उचित अनुकूलन (एक्लिमेटाइजेशन) और मौके पर मजबूत समन्वय ने अति-प्रतिकूल अंटार्कटिक परिस्थितियों से निपटने में निर्णायक भूमिका निभाई।


