उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता कानून, राष्ट्रपति ने इस विधेयक को प्रदान की स्वीकृति
धामी सरकार ने फरवरी के प्रथम सप्ताह में हुए विधानसभा के सत्र में यह विधेयक पारित कराया था
देहरादून। उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, सरकार ने सदन में समान नागरिक संहिता विधेयक पारित कराया और अब यह कानून बन चुका है। राष्ट्रपति ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी हैं। अब जल्द ही सरकार राज्य में इस कानून को लागू करेगी।
विधानसभा के फरवरी में हुए सत्र में सरकार ने समान नागरिक संहिता विधेयक पारित कराया था। विधानसभा से यह विधेयक राजभवन भेजा गया था, जहां से इसे राष्ट्रपति भवन भेजा गया। अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इसे मंजूरी प्रदान की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह जानकारी साझा करते हुए कहा-
“हम सभी प्रदेशवासियों के लिए यह अत्यंत हर्ष और गौरव का क्षण है कि हमारी सरकार द्वारा उत्तराखण्ड विधानसभा में पारित समान नागरिक संहिता विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपनी मंजूरी प्रदान की है।”
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि निश्चित तौर पर प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून लागू होने से सभी नागरिकों को समान अधिकार मिलने के साथ ही महिलाओं पर हो रहे उत्पीड़न पर भी लगाम लगेगी। प्रदेश में सामाजिक समानता की सार्थकता को सिद्ध करते हुए समरसता को बढ़ावा देने में समान नागरिक संहिता अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप हमारी सरकार नागरिकों के हितों के संरक्षण और उत्तराखण्ड के मूल स्वरुप को बनाए रखने के लिए संकल्पित है।