उत्तराखंड

हिमवीरों ने जाने ड्रोन तकनीकी के अनुप्रयोग

देहरादून। उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) के सभागार में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के असिस्टेंट कमांडेंट रैंक के अधिकारियों के लिए एक दो दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य अधिकारियों को यूसैक की प्रमुख गतिविधियों तथा रक्षा क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के अनुप्रयोगों से अवगत कराना था।

प्रशिक्षण के दौरान अधिकारियों को उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र द्वारा राज्य में किए जा रहे अंतरिक्ष आधारित कार्यों, रिमोट सेंसिंग, जीआईएस, मैपिंग एवं आपदा प्रबंधन से जुड़ी प्रमुख परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई। इसके पश्चात यूसैक द्वारा संचालित ड्रोन एप्लीकेशन एंड रिसर्च सेंटर के माध्यम से ड्रोन तकनीक एवं इसके रक्षा क्षेत्र में उपयोग पर व्याख्यान तथा व्यावहारिक प्रदर्शन किया गया।

कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों को ड्रोन आधारित निगरानी, लाइव स्ट्रीमिंग, क्षेत्रीय मैपिंग, सुरक्षा एवं आपदा परिदृश्यों में ड्रोन के प्रभावी उपयोग, ड्रोन संचालन की बुनियादी तकनीक तथा सिमुलेटर आधारित अभ्यास से परिचित कराया गया। अधिकारियों ने इस प्रशिक्षण को सीमावर्ती एवं सुरक्षा से जुड़े अभियानों को अधिक प्रभावी बनाने में सहायक बताया।

इस अवसर पर उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र के निदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने अपने संदेश में कहा कि ड्रोन एवं अंतरिक्ष आधारित तकनीकें वर्तमान समय में सुरक्षा, आपदा प्रबंधन एवं सीमा निगरानी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई हैं। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम सुरक्षा बलों की तकनीकी दक्षता को बढ़ाने के साथ-साथ जमीनी स्तर पर त्वरित और सटीक निर्णय लेने में भी सहायक सिद्ध होंगे।

इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में आईटीबीपी के असिस्टेंट कमांडेंट रैंक के अधिकारियों ने सहभागिता की। इस अवसर पर ड्रोन एप्लीकेशन एंड रिसर्च सेंटर के प्रभारी डॉ. गजेंद्र सिंह एवं शशांक लिंगवाल, प्रशासनिक अधिकारी आर.एस. मेहता, जनसंपर्क अधिकारी सुधाकर भट्ट, प्रशिक्षण समन्वयक दीपक भंडारी, शुभम शर्मा तथा सौरभ चौबे सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

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