देहरादून। सचिव पर्यटन धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में राज्य में राफ्टिंग की संभावनाओं को सुदृढ़ एवं व्यवस्थित करने के उद्देश्य से राफ्टिंग एसोसिएशन, राफ्टिंग गाईड एसोसिएशन, राफ्टिंग तकनीकी एवं विनियामक समिति, गंगा नदी राफ्टिंग समिति तथा संबंधित हितधारकों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
बैठक में सर्वप्रथम वर्तमान में कार्यरत राफ्टिंग गाइडों की फर्स्ट एड एवं सीपीआर संबंधी तकनीकी दक्षता बढ़ाने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाने पर विशेष जोर दिया गया। इस क्रम में मोंटाना, यूएसए से संबद्ध संस्था हनीफी सेंटर, जो पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के साथ कार्यरत है, के माध्यम से प्रथम चरण में 03 दिवसीय फर्स्ट एड प्रशिक्षण आयोजित किए जाने का निर्णय लिया गया। यह प्रशिक्षण जनवरी, 2026 के प्रथम सप्ताह से प्रारम्भ किया जाना प्रस्तावित है। प्रशिक्षण के माध्यम से आगामी दो माह (जनवरी-फरवरी, 2026) में राफ्टिंग व्यवसाय से जुड़े लगभग 900 गाइडों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस अवसर पर राफ्टिंग एसोसिएशन द्वारा उठाए गए विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों-जैसे नदी तटों पर राफ्टिंग कैंपों की पुनः स्थापना, गंगा नदी की वहन क्षमता का पुनः आकलन, मुख्य मार्ग से राफ्टिंग पिकअप प्वाइंट का सुधार, तथा राफ्टिंग पर्यटकों की सुरक्षा हेतु एम्बुलेंस की व्यवस्था पर सचिव पर्यटन/मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया गया।
बैठक में राफ्टिंग गाईड एसोसिएशन के राफ्टिंग गाईडों की अधिकतम आयु सीमा को 50 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष किये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की गयी। इसके अतिरिक्त, राफ्टिंग एवं गाइड एसोसिएशन द्वारा गंगा नदी राफ्टिंग समिति द्वारा लिए जाने वाले शुल्क में वृद्धि पर भी सहमति व्यक्त की गई।
पर्यटन सचिव द्वारा गंगा नदी राफ्टिंग समिति के सचिव, सम्बन्धित हितधारकों एवं बैठक में उपस्थित समस्त अधिकारियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम शीघ्र प्रारम्भ करने के निर्देश दिए गए। साथ ही उत्तराखण्ड के राफ्टिंग व्यवसाय को राष्ट्रीय स्तर पर एक सशक्त पहचान दिलाने हेतु ठोस प्रयास करने का आह्वान किया गया।
