देहरादून: उत्तराखंड में स्थानीय नगर निकायों के बाद अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी प्रत्याशी ज्यादा पैसा खर्च कर सकेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव के दृष्टिगत प्रत्याशियों के लिए अधिकतम खर्च की सीमा बढ़ा दी है। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। पंचायतों में ग्राम पंचायत सदस्य व उप प्रधान को छोड़कर शेष पदों के लिए खर्च की सीमा बढ़ाई गई है। नामांकन पत्रों का मूल्य और जमानत राशि में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
त्रिस्तरीय पंचायतों को लेकर राज्य निर्वाचन आयुक्त की ओर से सभी जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र के अनुसार नामांकन पत्रों का मूल्य, जमानत राशि व अधिकतम व्यय सीमा की दरें तत्काल प्रभाव से लागू होंगी।
अब यह है अधिकतम खर्च की सीमा (रुपये में)
पद पहले अब
सदस्य ग्राम पंचायत- 10 हजार- 10 हजार
उप प्रधान- 15 हजार- 15 हजार
ग्राम प्रधान- 50 हजार- 75 हजार
क्षेत्र पंचायत सदस्य- 50 हजार- 75 हजार
जिला पंचायत सदस्य- 1.40 लाख- दो लाख
कनिष्ठ उपप्रमुख- 50 हजार- 75 हजार
ज्येष्ठ उपप्रमुख- 60 हजार- एक लाख
प्रमुख क्षेत्र पंचायत- 1.40 लाख- दो लाख
उपाध्यक्ष जिला पंचायत- 2.5 लाख- तीन लाख
अध्यक्ष, जिला पंचायत- 3.50 लाख- चार लाख
——————-
किसी अपराध में दोषी ठहराए गए लोग नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायतों में राजनीति के अपराधीकरण को हतोत्साहित करने के संबंध में भी आदेश जारी किया है। राज्य निर्वाचन आयुक्त की ओर से जारी आदेश के अनुसार किसी भी अपराध अथवा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में विहित अपराध के लिए यदि किसी को दोष सिद्ध ठहराया गया हो तो वह पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएगा। चाहे संबंधित व्यक्ति जमानत पर रिहा हो अथवा निगरानी के अनिर्णीत रहने की अवधि में दंड को स्थगित कर दिया गया हो। आयोग ने नामांकन के संबंध में अनुपूरक व आनुषांगिक उपबंध आदेश भी जारी किए हैं। इसमें स्पष्ट किया गया है कि पंचायत चुनाव लडऩे वाला प्रत्येक व्यक्ति नामांकन पत्र के साथ शपथ दाखिल करेगा, जिसमें आपराधिक इतिहास का ब्योरा भी देना होगा।