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चंपावत को पर्यटन के साथ ही सर्वश्रेष्ठ विकसित जिला बनाना है लक्ष्य, जिले की प्रभारी मंत्री रेखा आर्या ने स्वदेश दर्शन 2.0 कार्यक्रम में भाग लेने के बाद कही बात

प्रभारी मंत्री आर्या ने चाय बागान का भी किया निरीक्षण

चंपावत। कैबिनेट मंत्री और जिले की प्रभारी मंत्री रेखा आर्या ने चाय बागान में आयोजित स्वदेश दर्शन 2.0 कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा व पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट के साथ शिरकत की।कार्यक्रम से पूर्व प्रभारी मंत्री ने चाय बागान का निरीक्षण किया।साथ ही अधिकारियों से चाय की खेती के साथ कार्य कर रही महिलाओं से उनके काम के बारे में जानकारी ली।वहीं इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ठ कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया गया।

मंत्री आर्या ने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि यहां की चाय बाहर विदेशों में भी पहुंचाई जा रही है।इसके जरिये यहां की महिलाओं को रोजगार भी प्राप्त हो रहा है और वह आत्मनिर्भर बन रही हैं।जानकारी देते हुए बताया कि चम्पावत के अन्तर्गत कुल 241 हेक्टेयर भूमि पर चाय की खेती की जाती है, जिसमे से चम्पावत नगर के समीप सिलिंगटॉक में कुल 21 हेक्टेयर पर चाय बागान विकसित किया गया है। वर्तमान में इस चाय बागान में कुल 346 लोग कार्यरत हैं, जिसमें से 87 प्रतिशत महिलाएं है। सिलिंगटॉक चाय बागान में 2 किस्म की चाय (ब्लैक टी और व्हाइट टी) का कुल 80,000 किलोग्राम चाय का उत्पादन होता है जो कि यहां से कोलकता की मंडी में निर्यात हेतु जाता है। प्रमुख निर्यातक बाजारों यूरोपियन यूनियन, ईरान और अमेरिका है। यहां से उत्पादित होने वाली चाय की ब्रांडिंग उत्तराखण्ड टी के नाम से की जाती है।

साथ ही कहा कि पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा देश भर में नए डेस्टिनेशन विकसित किये जाने के उद्देश्य से स्वदेश दर्शन 2.0 योजना प्रारंभ की गयी है, जिसके अन्तर्गत उत्तराखण्ड में चम्पावत एवं पिथौरागढ़ चयनित किये गए हैं। भारत सरकार द्वारा दोनों डेस्टिनेशन के विकास हेतु 70-70 करोड धनराशि की सैद्धान्तिक सहमति प्रदान की गयी है। इस योजना के प्रथम चरण में चम्पावत में कुल 1121.89 लाख की लागत से टी गार्डन एक्सपीरियंस विकसित किया जायेगा, जिसके अन्तर्गत टी गार्डन में प्लाजा का विकास, वेंडिंग जोन, पार्किंग, स्ट्रीट, इको स्टे, टी टेस्टिंग सेन्टर एवं इंटरप्रिटेशन सेन्टर पर कार्य किया जायेगा। इसके अतिरिक्त 3.5 किलोमीटर का जंगल ट्रेल और 400 टी ट्रेल भी विकसित किये जायेंगे। योजना के अन्तर्गत स्थानियों को गाइड प्रशिक्षण एवं हॉस्पिटैलिटी प्रशिक्षण भी करवाया जाए‌गा साथ ही टी गार्डन के उचित प्रचार-प्रसार हेतु वेबसाइट भी सृजित की जाएगी। योजना के द्वितीय चरण में कोलीढेक झील, तृतीय चरण में एबट माउण्ट एवं चतुर्थ चरण किया जाएगा।

बता दे कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा संचालित स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य में जनपद चम्पावत को विकसित किये जाने हेतु चयनित किया गया है। पर्यटन मंत्रालय द्वारा केन्द्र पोषित योजना ‘स्वदेश दर्शन 2.0 के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य में चयनित किये गये जनपद चम्पावत का सुनियोजित विकास किये जाने हेतु कॉन्सेप्ट प्लान / डी०पी०आर० आदि कार्यों को सम्पादित किये जाने हेतु रू० 70.00 करोड़ की सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की गयी है।

जहां प्रथम चरण में चम्पावत टी गार्डन अनुभूति कार्ययोजना हेतु 11.21 करोड़ की डी०पी०आर० पर पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है। चम्पावत चाय बगान विकसित करने के सम्बन्ध में स्थानीय वास्तुकला एवं प्राकृतिक संसाधनों को ध्यान में रखते हुये सत्त पर्यावरणीय अनुकूल बाजार के रूप में विकसित किया जायेगा।

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