
देहरादून। उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर जिले में पैराग्लाइडिंग गतिविधियां विकसित की जाएंगी। राज्य में साहसिक खेलों, विशेषकर पैराग्लाइडिंग के विकास को लेकर सचिव पर्यटन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद धीराज सिंह गर्ब्याल की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
सचिव पर्यटन ने निर्देशित किया कि पूर्व में प्रशिक्षित 141 पैराग्लाइडिंग पायलटों (प्रशिक्षु) जिनके द्वारा पी1 पी2, पी3,पी4, एसआईवी, थरमलिंग, क्रास कंट्री और टेंडम फ्लाइट्स की ट्रेनिग पूरी जा चुकी है, उन्हें अगले स्तर पर ले जाने हेतु आगामी छह माह में भीमताल और चम्पावत (बाणासुर किला) में उनके फ्लाइंग आवर्स पूरे किए जाए। साथ ही उनकी ट्रेनिंग यथाशीघ्र पूर्ण किये जाने हेतु नये टेंडम पैराग्लाइडस् खरीदें जायें।
बैठक के दौरान राज्य में व्यवसायिक रूप में संचालित पैराग्लाइडिंग गतिविधियों की समीक्षा की गयी। वर्तमान में यह गतिविधियाँ मुख्यतः भीमताल और टिहरी तक सीमित हैं। सचिव पर्यटन ने इन गतिविधियों की समीक्षा करते हुए नयार घाटी (पौड़ी), लोहाघाट (चम्पावत), मोरी (उत्तरकाशी), कोटाबाग (नैनीताल), बागेश्वर सहित प्रत्येक जिले में उड़ान सुविधाएं व आधारभूत ढांचा विकसित किये जाने के निर्देश दिये। साथ ही प्रत्येक जिले में एक टेक-ऑफ और लैडिंग प्वाईंट विकसित करने को कहा। इससे वहां के स्थानीय युवाओं को अपने जनपद में ही पैराग्लाईडिंग प्रशिक्षण की सुविधा मिलेगी, जिससे वे लोग उनके क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों को पैराग्लाईडिंग का अनुभव प्राप्त करवा सकेंगे और अपने लिए स्वरोजगार के अवसर प्राप्त कर सकेंगे।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि भीमताल में पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण हेतु 20 से 25 बिस्तरों वाला एक छात्रावास (हॉस्टल) विकसित किया जाएगा, जहां वर्ष भर पैराग्लाइडिंग से संबंधित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे। साथ ही उन्होंने पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षण को अधिक प्रभावी, सुलभ और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए एक एप्लिकेशन (ऐप) का निर्माण किये जाने के निर्देश दिये। जिससे पूरा प्रशिक्षण कार्यक्रम एक ही माध्यम से देखा और समझा जा सकेगा।