शासन ने 10 साल पुराने मामले में जिला पंचायत चमोली की अध्यक्ष रजनी भंडारी को पद से हटाया, आदेश जारी
भंडारी के खिलाफ वर्ष 2012-13 में स्वीकृत कार्यों के लिए न्यूनतम के बजाए अधिकतम बोलीदाताओं की निविदा स्वीकृत करने के मामले में की गई कार्रवाई
देहरादून। शासन ने 10 साल पुराने मामले में चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को एक बार फिर पद से हटा दिया। शासन ने बुधवार को इस बारे में आदेश भी जारी कर दिए। उन पर श्रीनंदादेवी राजजात के लिए वर्ष 2012-13 में स्वीकृत विभिन्न कार्यों के लिए आमन्त्रित निविदा में न्यूनतम के बजाय अधिकतम बोलीदाताओं की निविदा स्वीकृत करने के आरोप है। मंडलायुक्त से कराई गई जांच में पुष्टि के बाद उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है। राज्य के पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने इसकी पुष्टि की। उधर, जिला पंचायत अध्यक्ष पद से भंडारी को हटाने को लेकर चमोली जिले में राजनीतिक पारा गर्माने के आसार है।
शासन द्वारा जारी आदेश के मुताबिक रजनी भंडारी के जिला पंचायत अध्यक्ष रहने के पिछले कार्यकाल के दौरान वर्ष 2012-13 में पर्यटन विभाग के अंतर्गत श्रीनंदादेवी राजजात के लिए स्वीकृत कार्यों की निविदा में 30 कार्य न्यूनतम के बजाय अधिकतम बोलीदाताओं को दे दिए गए थे। इस मामले में हुई शिकायत के बाद वर्ष 2014 में जांच डीएम से कराई गई थी। इसमें स्पष्ट किया गया कि भंडारी ने निविदाएं स्वीकृत करने में उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली में निहित प्रविधानों का उल्लंघन किया है। इस प्रकरण में शासन ने भंडारी को वर्ष 2021 में कारण बताओ नोटिस जारी किया। उत्तर संतोषजनक न मिलने पर उन्हें पद से हटा दिया गया था। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर उन्हें बहाल कर दिया गया था।
शासन ने पिछले साल मंडलायुक्त से प्रकरण की फिर जांच कराई। मंडलायुक्त ने मई में जांच आख्या शासन को सौंपी। फिर अगस्त में उन्हें नोटिस भेजा गया, जिसका जवाब भंडारी ने 29 अगस्त को शासन को भेजा। इस मामले में शासन ने उन्हें तत्काल प्रभाव से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी से हटा दिया है।